13 हजार करोड़ आ सकता है खर्च, दो चरणों में पूरी की जाएगी प्रक्रिया एकत्र किया जाएगा विवरण
नयी दिल्ली। 2011 में हुई पिछली जनगणना के 16 साल बाद सरकार ने भारत की 16वीं जनगणना 2027 में कराने के लिए सोमवार को अधिसूचना जारी की जिसमें जाति गणना भी शामिल होगी। अधिसूचना के मुताबिक लद्दाख जैसे बर्फीले क्षेत्रों में जनगणना एक अक्टूबर 2026 तथा देश के बाकी हिस्सों में एक मार्च 2027 से की जाएगी। देश भर से जनसंख्या संबंधी आंकड़े उपलब्ध कराने का यह विशाल कार्य लगभग 34 लाख गणनाकर्ताओं और पर्यवेक्षकों व डिजिटल उपकरणों से लैस लगभग 1.3 लाख जनगणना कर्मियों द्वारा किया जाएगा।
इस पर सरकार के 13 हजार करोड़ रुपये खर्च होने की संभावना है। जनगणना के साथ ही जातिगत गणना भी की जाएगी। जनगणना कार्य शुरू होने के बाद से यह 16वीं जनगणना है तथा स्वतंत्रता के बाद आठवीं जनगणना है। जनगणना दो चरणों में की जाएगी। पहले चरण में हाउसलिस्टिंग ऑपरेशन (एचएलओ) प्रत्येक घर की आवासीय स्थिति, संपत्ति और सुविधाओं का विवरण एकत्र किया जाएगा। दूसरे चरण में जनसंख्या गणना (पीई) जनसांख्यिकीय, सामाजिक-आर्थिक व सांस्कृतिक स्थिति और प्रत्येक घर में प्रत्येक व्यक्ति का अन्य विवरण एकत्र किया जाएगा।
संग्रहण, प्रेषण और भंडारण के समय डेटा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बहुत सख्त डेटा सुरक्षा उपाय लागू किए जाएंगे। जनगणना 2011 के अनुसार देश की जनसंख्या 121.019 करोड़ थी, जिसमें से 62.372 करोड़ (51.54 प्रतिशत) पुरुष और 58.646 करोड़ ( 48.46 प्रतिशत) महिलाएं थीं। 2021 में होने वाली जनगणना कोविड-19 महामारी के प्रकोप के कारण स्थगित कर दी गई थी।
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